सैद्धांतिक विषय

D.EL.ED 3rd Semester Syllabus

  1. शैक्षिक मूल्यांकन ,क्रियात्मक शोध एवं नवाचार
  2. समावेशी शिक्षा एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा ,निर्देशन एवं परामर्श

सामान्य विषय

  1. विज्ञान
  2. गणित
  3. सामाजिक अध्ययन
  4. हिन्दी
  5. संस्कृत
  6. कंप्यूटर

प्रायोगिक या सत्रिय कार्य

  • कला शिक्षण
  • संगीत शिक्षण
  • शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य

शैक्षिक मूल्यांकन ,क्रियात्मक शोध एवं नवाचार

कक्षा -शिक्षण : विषयवस्तु

मापन एवं मूल्यांकन

  • शैक्षिक मापन एवं मूल्यांकन की अवधारणा,
  • शैक्षिक मापन का अर्थ,
  • मूल्यांकन की संकल्पना.
  • मूल्यांकन के उद्देश्य,
  • मूल्यांकन के क्षेत्र,

मूल्यांकन की आवश्यकता एवं महत्व,

  • मूल्यांकन की प्रशासनिक आवश्यकता,
  • मूल्यांकन की शैक्षिक आवश्यकता
  • , मूल्यांकन की शैक्षिक अनुसंधान में आवश्यकता,
  • सामाजिक दृष्टिकोण से मूल्यांकन की आवश्यकता,

मापन एवं मूल्यांकन में अन्तर,

  • परीक्षण एवं मापन में अन्तर

सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की अवधारणा एवं महत्व,

  • दक्षता आधारित मूल्यांकन,
  • व्यापक मूल्यांकन,
  • सतत् मूल्यांकन एवं महत्व,

सतत् मूल्यांकन की कार्यप्रणाली एवं सोपान,

  • सतत् मूल्यांकन का क्षेत्र ।
  • मूल्यांकन के पक्ष
  1. संज्ञानात्मक पक्ष (Cognitive) –
    • ज्ञान, बोध,
    • अनुप्रयोग या व्यावहारिकता,
    • विश्लेषण,
    • संश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
  2. भावात्मक पक्ष (Affective) –
    • ग्रहण करना या ध्यान देना,
    • अनुक्रिया करना,
    • मूल्य आंकना ।
  3. कौशलात्मक पक्ष (Conative) एव व्यवहारात्मक पक्ष (Behaviour Overall activity) –
    • सामाजिक कौशल,
    • यान्त्रिक कौशल,
    • गणितीय कौशल,
    • भाषाई कौशल।
      • उत्तेजना।
      • क्रियान्वयन ।
      • नियंत्रण समायोजन स्वाभावीकरण ।

मूल्यांकन के प्रकार-

  • मौखिक परीक्षा,
  • लिखित परीक्षा,
  • साक्षात्कार/निरीक्षण/अवलोकन/प्रायोगिक,
  • रचनात्मक मूल्यांकन (Formulative Evaluation).,
  • आंकलित मूल्यांकन (Summative Evaluation).,

उत्तम परीक्षण / मूल्यांकन की विशेषताएँ, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन का सम्बन्ध,

प्रश्न-पत्र निर्माण प्रक्रिया-

  • योजना निर्माण, ब्लू प्रिण्ट, सम्पादन तथा अंक निर्धारण।
  • प्रश्नों के प्रकार (वस्तुनिष्ठ, अति लघु उत्तरीय, लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय)।
  • शैक्षिक उद्देश्यों के अनुसार प्रश्नों के पक्ष (ज्ञान, बोध, अनुप्रयोग, कौशल)।

मूल्यांकन अभिलेखीकरण (संज्ञानात्मक तथा संज्ञान सहगामी पक्ष) सतत्, मासिक, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक मूल्यांकन, पुनर्बलन,

निदानात्मक परीक्षण एवं उपचारात्मक शिक्षण।

क्रियात्मक शोध-

  • शोध का अर्थ प्रकार, उद्देश्य, आवश्यकता एवं महत्व।
  • क्रियात्मक शोध के क्षेत्र।
  • क्रियात्मक शोध के चरण एवं प्रारूप निर्माण।
  • क्रियात्मक शोध उपकरण निर्माण।
  • क्रियात्मक शोध का सम्पादन/अभिलेखीकरण।

शैक्षिक नवाचार-

  • शिक्षा में नवाचार का अर्थ, आवश्यकता एवं महत्व।
  • शैक्षिक नवाचार के क्षेत्र (शिक्षण अधिगम के सुधार हेतु स्थानीय समुदाय / परिवेश के संसाधनों की पहचान और उनका उपयोग कर मूल्यांकन।
  • प्रार्थना स्थल की गतिविधि।
  • पाठ्य सहगामी क्रियाकलाप।
  • सामुदायिक सहभागिता,
  • विद्यालय प्रबंधन, विषयगत।
  • कक्षा-शिक्षण समसामयिक दृष्टान्त।  
  • लैब एरिया ।

समावेशी शिक्षा एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा, निर्देशन एवं परामर्श

कक्षा -शिक्षण : विषयवस्तु

  • खण्ड ‘अ’ विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे
    • शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय पहचान, प्रकार, निराकरण। यथा-अपवंचित वर्ग, – भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र, वर्ण, लिंग शारीरिक दक्षता (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं वाक् / अस्थिबाधित) मानिसिक दक्षता
    • , समावेशन के लिए आवश्यक उपकरण, सामग्री, विधियों, टी.एल.एम. एवं अभिवृत्तियाँ (Attitude),
    • समावेशित बच्चों का अधिगम जाँचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी,
    • समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ। यथा-बेललिपि आदि
  • खण्ड ‘ब’ निर्देशन एवं परामर्श,
    • समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श: अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र (Scope),
    • परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग / संस्थाएँ,
      • मनोविज्ञानशाला, उ.प्र. इलाहाबाद,
      • मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र (मण्डल स्तर पर जिला चिकित्सालय,
      • जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षित डायट मेण्टर,
      • पर्यवेक्षक एवं निरीक्षण तन्त्र,
      • समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियाँ,
      • सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठन,
  • बाल-अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्व ।

विज्ञान

कक्षा -शिक्षण : विषयवस्तु

  • दैनिक जीवन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (परिवहन, चिकित्सा जनसंचार, मनोरंजन उद्योग, कृषि, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, आधुनिक ईंधन, दूरस्थ शिक्षा)। मानव समाज को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से लाभ व हानियाँ ।
  • दाब तथा वैज्ञानिक यन्त्र।
  • जीव-जन्तुओं के बाह्य एवं आंतरिक अंगों के कार्यों में विविधता।
  • सूक्ष्म जीवों की दुनिया संरचना तथा उपयोगिता सूक्ष्म जीव-दोस्त या दुश्मन, भोज्य पदार्थों का परिक्षण।
  • प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण एवं ब्रह्माण्ड, जीवों का विलुप्तीकरण।
  • कार्बन एवं उसके यौगिक।
  • असंक्रामक रोग / अनियमित जीवन शैली से उत्पन्न रोग (मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ) कारण, निदान व उपचार,
  • पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन:
    • जलीय पौधों एवं जानवरों का प्राकृतिक बास,
    • मरूदभिद पौधों एवं जानवरों का प्राकृतिक बास
    • पर्यावरण असंतुलन में मानव का हस्तक्षेप,
    • वन्य जीव जन्तुओं का संरक्षण कार्यक्रम,
    • ग्रीन हाउस गैसीय प्रभाव,
    • ओजोन-क्षरण,
    • धरती का बढ़ता तापमान,
  • ऊष्मा प्रकाश एवं ध्वनि :
    • ऊष्मा का मापन, संचरण व संवहन ।
    • प्रकाश :स्रोत एवं संचरण, प्रकाश का परावर्तन व अपवर्तन।
    • अवतल व उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना।
    • ध्वनि: संचरण, आवृत्ति एवं आवर्तकाल ।